इसरो (ISRO) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान द्वारा चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करवाकर इतिहास रच दिया।
ISRO ने कमाल कर दिखाया है, भारत वो दुनिया का पहला देश बन गया, जोकि चांद के दक्षिणी छोर पर आया हो।
चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) के लैंडर विक्रम के चांद पर उतरने के बाद रोवर प्रज्ञान (Rover Pragyan) भी बाहर आ गया और वो अपना काम करना शुरू कर दिया।
ISRO में स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए आपको इंजीनियरिंग या फिर साइंस का कोर्स करना पड़ेगा।
ISRO में स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए आपको तीन साल का B.Sc या फिर चार साल B.Tech से लेकर Ph.D का कोर्स करना होता है, ISRO तथा बेंगलुरु में IISc में इसके लिए कोर्स कराए जाते हैं।
संबंधित डिग्री लेने वालों के लिए इसरो समय-समय पर भर्ती निकालती है, स्पेस में इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन अप्लाई कर सकते हैं।
इसरो का फुल फॉर्म Indian Space Research Organisation (ISRO) है, ISRO भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र है और इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।
सैलरी ISRO के साइंटिस्ट को सैलरी के रूप में सभी भत्ते मिलाकर शुरुआत में 95,059 - 1,07,635/- रूपये मिलती है
Thanks for Reading!
Next:National Film Awards 2023: अल्लु अर्जुन, आलिया भट्ट जीते अवॉर्ड; RRR, सरदार उधम, गंगुबाई को मिला बड़ा सम्मान